'ऐतिहासिक संरचनाएं अतिक्रमण नहीं', महरौली के 'धार्म‍िक स्‍ट्रक्‍चर' को तोड़े जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याच‍िका दाखिल - Breaking News Today: Aaj ka breaking news

Latest

Google Search

15 फ़र॰ 2024

'ऐतिहासिक संरचनाएं अतिक्रमण नहीं', महरौली के 'धार्म‍िक स्‍ट्रक्‍चर' को तोड़े जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याच‍िका दाखिल

https://ift.tt/g9hepVF

<p style="text-align: justify;"><strong>Mehrauli Historic Religious Structure:</strong> द&zwj;िल्&zwj;ली के महरौली में धार्मिक संरचनाओं को सुरक्ष&zwj;ित कराने की मांग को लेकर को सुप्रीम कोर्ट में एक याच&zwj;िका दायर की गई है. याच&zwj;िका में शीर्ष अदालत से खास तौर पर महरौली स्&zwj;थ&zwj;ित 13वीं सदी की आशिक अल्लाह दरगाह (1317 ई.) और बाबा फरीद की चिल्लागाह समेत सदियों पुराने इन धार्मिक स्&zwj;ट्रक्&zwj;चर्स की सुरक्षा के निर्देश देने की गुहार लगाई है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;">लाइव लॉ की र&zwj;िपोर्ट के मुताब&zwj;िक याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से इस संबंध में पारित क&zwj;िए गए 8 फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. हाई कोर्ट की ओर से द&zwj;िए गए आदेश में धार्म&zwj;िक संरचनाओं की सुरक्षा के लिए विशिष्ट निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने ऑथोर&zwj;िटीज की ओर से दी गई अंडरटेक&zwj;िंग को र&zwj;िकॉर्ड करने के बाद याचिका का निपटारा कर दिया था. इसमें अंडरटेक&zwj;िंग दी गई थी कि केंद्र या राज्&zwj;य ऑथोर&zwj;िटी की ओर से घोषित किसी भी संरक्षित स्मारक या राष्ट्रीय स्मारक को ध्वस्त नहीं किया जाएगा.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>अनाधिकृत अतिक्रमण को लेकर भी की गई थी अहम टिप्पणी&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">हाई कोर्ट ने अपने आदेश में अनाधिकृत अतिक्रमण को लेकर भी टिप्पणी की. साथ ही कोर्ट ने विरासत के अधिकार (Right to Heritage) और सांस लेने के अधिकार (Right to Breathe) को संतुलित करने की आवश्यकता के संबंध में ट&zwj;िप्&zwj;पणी की थी. &nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>डीडीए कई स्&zwj;ट्रक्&zwj;चर के ख&zwj;िलाफ कर चुका है डेमो&zwj;लिशन कार्रवाई&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">हाई कोर्ट के समक्ष दायर याच&zwj;िका में प्राचीन धरोहर को डेमोल&zwj;िशन से बचाने की गुहार लगाई गई थी. इसमें आशंका जताई गई थी क&zwj;ि महरौली स्&zwj;थ&zwj;ित दरगाह और च&zwj;िल्&zwj;लागाह डेमोल&zwj;िशन की कड़ी में अगला नंबर हो सकता है. इससे पहले दिल्&zwj;ली व&zwj;िकास प्राध&zwj;िकरण &nbsp;(DDA) इलाके में 600 साल पुरानी मस्&zwj;ज&zwj;िद अखोनजी को ढहाने का काम कर चुका है. इसके अलावा क्षेत्र के मदरसा बहरूल उलूम और व&zwj;िभिन्&zwj;न कब्रों का भी डेमोल&zwj;िशन कर चुका है. &nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>याच&zwj;िककर्ता ने कोर्ट में दी अतिक्रमण को लेकर कई दलीलें &nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए इन सभी एत&zwj;िहास&zwj;िक संरचनाओं के डेमोल&zwj;िशन के ख&zwj;िलाफ ज़मीर अहमद जुमलाना नाम के एक शख्&zwj;स की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस याच&zwj;िका को तल्हा अब्दुल रहमान के जर&zwj;िये दायर क&zwj;िया गया. याच&zwj;िका के जर&zwj;िए यह सब दलीलें देकर शीर्ष अदालत से इन सभी एत&zwj;िहास&zwj;िक स्&zwj;ट्रक्&zwj;चर्स को सुरक्ष&zwj;ित रखने की गुहार लगाई है. याच&zwj;िकाकर्ता की ओर से कोर्ट में दलील दी गईं क&zwj;ि इन सभी की सांस्कृतिक व&zwj;िशेषता और धार्मिक महत्&zwj;ता हैं जो&zwj;क&zwj;ि कई शताब्दियों से बरकरार हैं. इन सभी को सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>प्राचीन स्मारकों को कानूनी सुरक्षा देने की गुहार&nbsp;</strong></p> <p style="text-align: justify;">याच&zwj;िकाकर्ता ने आग्रह करते हुए यह भी तर्क द&zwj;िया क&zwj;ि प्राचीन स्मारकों और हैर&zwj;िटैज साइट्स को प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत मौजूदा कानूनों के अंतर्गत कानूनी सुरक्षा मिलनी चाहिए. याच&zwj;िका में धार्मिक संरचनाओं ज&zwj;िनमें मस्जिदें और कब्र आद&zwj;ि शाम&zwj;िल हैं, इनके मनमाने ढंग से डेमोल&zwj;िशन करने को लेकर भी गंभीर चिंता जताई गई है.&nbsp;</p> <p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong> <a title="Farmers Protest: क्या किसानों की मांग मान जाएगी सरकार? 3 केंद्रीय मंत्रियों के साथ होगी किसान नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक" href="https://ift.tt/TMUlEQL" target="_self">Farmers Protest: क्या किसानों की मांग मान जाएगी सरकार? 3 केंद्रीय मंत्रियों के साथ होगी किसान नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक</a></p>

from Pakistan Ceasefire violation: प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले पाकिस्तान की नापाक हरकत, सीजफायर तोड़ बॉर्डर पर की फायरिंग https://ift.tt/NF0Benc

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubts, please let me know.