
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय ने वर्ष 2017 में बीए बीएड और बीएससी बीएड का चार वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू किया, लेकिन इस बैच के छात्र-छात्राएं अभी भी फर्स्ट ईयर में ही है। विश्वविद्यालय ने सितम्बर 2018 में वार्षिक परीक्षा तो करवा दी लेकिन परिणाम अब तक जारी नहीं किया। लिहाजा, 19 महीने बाद भी 2017 का बैच फर्स्ट ईयर में ही है। ताज्जुब की बात यह है कि 2018 का बैच भी आ गया। कागजों में दोनों ही फर्स्ट ईयर के बैच है। विवि में अध्ययन-अध्यापन की यही गति रही तो चार साल का स्नातक-बीएड पाठ्यक्रम छह साल में पूरा होगा।
बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) का चार वर्षीय पाठ्यक्रम दो वर्ष का करने के बाद राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में डिग्री कोर्स व बीएड को मिलाकर चार साल का नया पाठ्यक्रम बीए बीएड/ बीएससी बीएड शुरू किया। शैक्षणिक सत्र 2017-18 से प्रदेश के कई जिलों के कॉलेज में बीए बीएड/बीएससी बीएड का चार वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू हुआ। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अधीन करीब छह कॉलेजों में यह कोर्स शुरू किया गया। यह पाठ्यक्रम शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा थी कि शिक्षण क्षेत्र में कॅरियर बनाने वाले छात्र छात्राओं को स्नातक के बाद दो साल बीएड करने में नहीं लगे लेकिन जेएनवीयू के ढर्रे से यह पाठ्यक्रम छह साल में पूरा होता दिख रहा है।
जेएनवीयू में जुलाई 2017 में 4 वर्षीय पाठ्यक्रम का बैच शुरू हुआ था। फर्स्ट ईयर की वार्षिक परीक्षा 14 महीने बाद सितम्बर 2018 में हुई। इस परीक्षा का परिणाम जारी नहीं किया गया है। उधर 2018 बैच के भी जुलाई में प्रवेश हो गए। छात्रों ने बताया कि कागजों में वर्तमान में दोनों बैच फर्स्ट ईयर में है लेकिन दिखावे के लिए कई कॉलेज 2017 बैच के छात्र-छात्राओं को द्वितीय वर्ष की पढ़ाई करवा रहे हैं।
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