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<p style="text-align: justify;"><strong>Electoral Bond Scheme:</strong> देश में एक ओर जहां कई राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से करोड़ों रुपये का चंदा मिला, वहीं कई दल ऐसे भी रहे जिन्हें इस योजना के माध्यम से कोई पैसा नहीं मिला. </p> <p style="text-align: justify;">पांच सौ से अधिक मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गये सीलबंद लिफाफे में इलेक्टोरल बॉन्ड का विवरण साझा किया था. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में डेटा पेश किया था और उसी ने रविवार (17 मार्च, 2024) को इसे सार्वजनिक किया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>किन पार्टियों को चंदा नहीं मिला?</strong><br />मायावती की मान्यता प्राप्त बहुजन समाज पार्टी ने आयोग को बताया है कि योजना की शुरुआत के बाद से उसे इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कोई पैसा नहीं मिला है. मेघालय में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी एक और ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है जिसे बॉन्ड के माध्यम से कोई चंदा नहीं मिला.</p> <p style="text-align: justify;">केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से भारती ग्रुप से 50 लाख रुपये प्राप्त करने का खुलासा किया है. सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने खुलासा किया कि उसे अलम्बिक फार्मा से इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से 50 लाख रुपये मिले.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>वामपंथी दलों को कितना चंदा मिला?</strong><br />भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), ऑल-इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनिवादी (भाकपा-माले) समेत वामपंथी दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कोई चंदा नहीं मिला. वामपंथी दलों का कहना है कि उन्होंने सैद्धांतिक तौर पर इस रास्ते से चंदा लेने से इनकार कर दिया. </p> <p style="text-align: justify;">कुछ पंजीकृत, गैर-मान्यता प्राप्त दलों ने सादे कागज पर हाथ से लिखे नोट्स में यह घोषणा की कि उन्हें इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कोई धन नहीं मिल रहा है. </p> <p style="text-align: justify;">राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, एआईएमआईएम, आईएयूडीएफ, जोरम पीपल्स मूवमेंट, असम गण परिषद, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट, केरल कांग्रेस (मणि), दिवंगत विजयकांत की डीएमडीके, इनेलो, तमिल मनीला कांग्रेस समेत राज्यों में सक्रिय कई दलों ने भी इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कोई चंदा नहीं लिया है.</p> <p style="text-align: justify;">दूसरी ओर, कुछ अन्य छोटे क्षेत्रीय दलों जैसे गोवा फॉरवर्ड पार्टी और एमजीपी को क्रमशः 36 लाख रुपये व 55 लाख रुपये के बॉन्ड प्राप्त हुए. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>कितने के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए थे?</strong><br />गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक पुरानी रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए थे.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें- <a title="कालेधन को बढ़ावा, RTI का उल्लंघन और अपारदर्शिता, ये हैं गुमनाम इलेक्टोरल बॉन्ड पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ के 5 सख्त कमेंट" href="https://ift.tt/geK72I4" target="_self">कालेधन को बढ़ावा, RTI का उल्लंघन और अपारदर्शिता, ये हैं गुमनाम इलेक्टोरल बॉन्ड पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ के 5 सख्त कमेंट</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"> </p> <p style="text-align: justify;"> </p>
from Money Laundering Case: फिर तिहाड़ जेल पहुंचे दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी जमानत https://ift.tt/uTGhBLw
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19 मार्च 2024
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Electoral Bond: इन दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड से नहीं मिला एक भी रुपया, दो रही हैं नेशनल पार्टी

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