राजस्थान के सरकारी कॉलेजों में अगले सत्र से लड़कियों को नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी। यह घोषणा करते हुए उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि नि:शुल्क बालिका शिक्षा को सभी स्तरों पर लागू कर दिया जाएगा। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र यह वादा किया था। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने चुनाव से दो महीने पहले कॉलेज खोल दिए पर जमीन नहीं दी। इन कॉलेजों को ठीक प्रकार से शुरू करना ही पहली प्राथमिकता रहेगी। कॉलेजों की जमीन आवंटन के लिए संबंधित जिला कलक्टरों को पत्र भी लिख दिए हैं। वित्त विभाग से बजट के संबंध में भी बातचीत की जा रही है।
चार लाख विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग व किताबें
भाटी ने कहा कि 252 सरकारी कॉलेज के छात्र-छात्राओं को ई-स्टूडियो से प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी। शुरुआत 40 कॉलेजों के छात्र-छात्राओं से की जाएगी। एक माह के भीतर सभी 252 महाविद्यालयों में ‘प्रतियोगिता दक्षता’ परियोजना को लागू कर दिया जाएगा। नियमित कक्षाओं के समानान्तर ही प्रतियोगी परीक्षाओं की कक्षाएं लगाई जाएंगी। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कॉलेजों के शिक्षक ही कराएंगे।
उच्च शिक्षा विभाग के शासन सचिव वैभव गालरिया ने कहा कि 26 जनवरी से कॉलेजों के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। कॉलेज आयुक्त प्रदीप बोरड़ ने बताया कि वे स्वयं आइएएस, आरएएस व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ई-कोचिंग देंगे। पहले दिन उन्होंने ई-क्लास के माध्यम से छात्र-छात्राओं से संवाद भी किया।
- महाविद्यालयों में ‘आंतरिक शिकायत’ समितियों का गठन होगा।
- सभी राजकीय कॉलेजों में ‘विद्यार्थी परामर्श केन्द्र’ बनेंगे।
- कॉलेजों में उद्यमिता और रोजगार आधारित पाठ्यपुस्तकों पर जोर रहेगा।
- महाविद्यालयों में ‘केम्पस प्लेसमेंट’ की व्यवस्था लागू करेंगे।
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