
Top career courses 2019 अब इंजीनियरिंग की ओर छात्रों का क्रेज कम हो रहा है। इसी वजह से साइंस से 12वीं करने वाले छात्र भी इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं लेना चाह रहे हैं। ऐसे में यदि आपने 12वीं कक्षा साइंस विषय पास कर ली है औ इंजीनियरिंग के अलावा कुछ और कोर्स करना चाहते हैं तो आपके पास कई सारे ऑप्शन हैं। इन कोर्सेज को करके आप इंजीनियरिंग के अलावा अलग-अलग तरह के काम कर सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं उन्हीं कोर्सेज के बारे में जिन्हें करने के बाद अच्छा कॅरियर बना सकते हैं—
नैनो-टेक्नोलॉजी का कोर्स
ग्लोबल इनफॉर्मेशन इंक की रिसर्च के मुताबिक 2018 तक नैनो टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। नैस्कॉम का कहना है कि 2015 तक इसका कारोबार 180 अरब डॉलर था जो अब बढ़कर 890 अरब डॉलर होने जा रहा है। इस वजह से इस फील्ड में 10 लाख प्रोफेशनल्स की जरूरत हो रही है। इस वजह से 12वीं के बाद आप नैनो टेक्नोलॉजी में बीएससी या बीटेक और उसके बाद इसी सब्जेक्ट में एमएससी या एमटेक करके इस फील्ड में अपना शानदार कॅरियर बना सकते हैं।
आयुर्वेद से बीएएमएस
12वीं कक्षा में सांइस विषय के साथ फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ बायॉलजी की पढ़ाई करने पर आप BAMS यानी बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन ऐंड सर्जरी कर सकते हैं। यह कोर्स साढ़े पांच साल का होता है जिसमें एक साल का इंटर्नशिप होता है। उसके बाद अच्छी जॉब पाकर कॅरियर बना सकते हैं।
माइक्रोबायोलॉजी का कोर्स
माइक्रोऑर्गैनिजम की स्टडी और उसके एप्लीकेशन से संबंधित इस कोर्स में नंबर और टेस्ट दो प्रोसेस के आधार पर एडमिशन ले सकते हैं। सरकारी नौकरी के अलावा फार्मा, रिसर्च, फूड प्रॉडक्ट्स, ऐग्रिकल्चर सेक्टर्स में जॉब्स हैं। फॉर्मा और फूड ऐंड बेवरेज इंडस्ट्री में माइक्रोबायॉलजिस्ट की काफी मांग हैं।
स्पेस साइंस में कोर्स
यह बहुत बड़ा फील्ड है जिसमें कॉस्मोलॉजी, स्टेलर साइंस, प्लैनेटरी साइंस, एस्ट्रोनॉमी जैसे कई फील्ड्स शामिल हैं। बेंगलुरु स्थित IISC में इसके लिए 3 साल की बीएससी और 4 साल के बीटेक से लेकर पीएचडी तक के कोर्सेज कराए जाते हैं।
एस्ट्रो-फिजिक्स का कोर्स
आपकी रुची सितारों और गैलेक्सी में हैं तो 12वीं के बाद एस्ट्रो-फिजिक्स में रोमांचक कॅरियर बना सकते हैं। इसके लिए आपको 5 साल के रिसर्च ओरिएंटेड प्रोग्राम (एमएस इन फिजिकल साइंस) और 4 या 3 साल के बैचलर्स प्रोग्राम (बीएससी इन फिजिक्स) में एडमिशन ले सकते हैं। एस्ट्रोफिजिक्स में डॉक्टरेट करने के बाद स्टूडेंट्स इसरो जैसे रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में साइंटिस्ट बन सकते हैं।
एनवायर्नमेंटल साइंस में कोर्स
इस कोर्स में पर्यावरण पर इंसानी गतिविधियों से होने वाले असर का अध्ययन किया जाता है। इसमें इकोलॉजी, डिजास्टर मैनेजमेंट, वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट, पॉल्यूशन कंट्रोल जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
डेयरी साइंस में कोर्स
भारत डेयरी प्रोडक्शन के क्षेत्र में अहम देश है। डेयरी टेक्नोलॉजी या डेयरी साइंस के तहत मिल्क प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज और डिस्ट्रिब्यूशन की जानकारी दी जाती है। अभी कुछ इंस्टीट्यूट डेयरी टेक्नोलॉजी में दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी ऑफर करते हैं।
रोबोटिक साइंस कोर्स
रोबोटिक साइंस का फील्ड काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस फील्ड में ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एडवांस्ड रोबोटिक्स सिस्टम. कम्प्यूटर साइंस से स्नातक कर चुके स्टूडेंट्स आ सकते हैं।
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